सूर्य ग्रह कब खराब फल देता है

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य ग्रह तब खराब फल देता है जब वह कुंडली में कमजोर, नीच का, या पाप ग्रहों से पीड़ित होता है। जब सूर्य शुभ नहीं होता, तो व्यक्ति को पिता, आत्म-विश्वास, स्वास्थ्य, मान-सम्मान, और सरकारी कार्यों में समस्याएं आती हैं।


🌞 सूर्य ग्रह के खराब फल देने की स्थितियाँ:

  1. नीच का सूर्य

    • जब सूर्य तुला राशि में होता है (नीच का होता है), तब वह कमजोर माना जाता है।

  2. छठे, आठवें या बारहवें भाव में हो

    • ये “दुष्ट भाव” कहे जाते हैं। इन भावों में सूर्य रहने पर नकारात्मक फल देता है।

  3. राहु, केतु या शनि के साथ युति या दृष्टि में हो

    • ये पाप ग्रह हैं, इनकी संगति में सूर्य पीड़ित हो जाता है।

  4. सूर्य ग्रहण के समय जन्म हुआ हो

    • ग्रहण काल में जन्मे लोगों का सूर्य दोषपूर्ण होता है।

  5. पितृ दोष या सूर्य दोष हो

    • कुंडली में विशेष योग से पितृ दोष बनता है, जिससे सूर्य का बल घटता है।

  6. दशा या अंतर्दशा में सूर्य की खराब स्थिति

    • अगर सूर्य की महादशा या अंतर्दशा चल रही हो और वह अशुभ स्थिति में हो, तो वह बुरे परिणाम देता है।


🔥 खराब सूर्य के लक्षण:

  • पिता से झगड़ा या दूरी

  • आत्म-विश्वास की कमी

  • गुस्सा, अहंकार, और ईगो की समस्या

  • आंखों या हृदय संबंधी रोग

  • नौकरी, सरकार से जुड़े मामलों में अड़चन

  • मान-सम्मान में हानि


✅ सूर्य ग्रह को मजबूत करने के उपाय:

  1. रोज़ सुबह तांबे के लोटे से सूर्य को जल अर्पित करें।

  2. “ॐ घृणिः सूर्याय नमः” मंत्र का 108 बार जप करें।

  3. रविवार को उपवास रखें और लाल वस्त्र पहनें।

  4. पिता, बुजुर्गों और गुरु की सेवा करें।

  5. तांबे का छल्ला या लाल मूंगा धारण करें (कुंडली देखकर)।


अगर आप चाहें तो अपनी जन्म तिथि, समय और स्थान बता सकते हैं — मैं आपकी कुंडली देखकर स्पष्ट रूप से बता सकता हूँ कि सूर्य ग्रह आपके लिए शुभ है या अशुभ।

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